Home उत्तर प्रदेश विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान व दस्तक अभियान हेतु विभागों को दी गई जिम्मेदारी

विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान व दस्तक अभियान हेतु विभागों को दी गई जिम्मेदारी

0
विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान व दस्तक अभियान हेतु विभागों को दी गई जिम्मेदारी

अभियान के तहत अन्य विभागों द्वारा किये जाने वाले कार्यों की रूप रेखा तय

विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान के दृष्टिगत आशा/ आंगनवाड़ी प्रतिदिन ग्राम सभा में भ्रमण करें

कुशीनगर।। विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान, दिनांक 03 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2023 तंक, एवं दस्तक अभियान दिनांक 16 अक्टूबर 2023 से दिनांक 31 अक्टूबर 2023 तक चलने वाले अभियान के सम्बन्ध में अंतर्विभागीय बैठक मुख्य विकास अधिकारी गुंजन द्विवेदी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक दौरान मुख्य विकास अधिकारी ने वेक्टर जनित रोगों, संचारी रोग (ए०ई०एस० / जे०ई०, कालाजार, डेंगू, मलेरिया, दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण तथा त्वरित एवं सही उपचार के सम्बन्ध में सभी सम्बन्धित को आवश्यक दिशा निर्देश दिए, साथ ही उन्होंने सभी सम्बन्धित विभागों से उक्त कार्यक्रम अंतर्गत कार्ययोजना के सम्बन्ध में पूछ ताछ की गई।

मुख्य विकास अधिकारी ने वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम/नियंत्रण हेतु आमजन को जागरूक किये जाने पर बल देते हुए आंगनवाड़ी/आशा बहुओ के माध्यम से घर-घर जाकर जागरूक किये जाने निर्देशित किया। समीक्षा दौरान सीडीओ ने आंगनवाड़ी कार्यकार्तियों /आशाओं के कार्यों की जानकारी लेने पर बताया गया कि 48 प्रतिशत आंगनबाड़ी कार्यकार्तियों द्वारा ही फील्ड विजिट किया गया है, सबसे अधिक निराशाजनक स्थिति सुकरौली व तमकुहीराज के संज्ञान में आने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की गई, इस सम्बन्ध में उन्होंने सम्बन्धित एमवाईसी व अन्य सम्बन्धितों को आगाह करते हुए निर्देशित किया कि अपने कार्यशैली में सुधार लाएं अन्यथा कार्यवाही हेतु तैयार रहें।

इस दौरान (पंचायती राज, नगर विकास विभाग, पशुपालन विभाग, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग, शिक्षा विभाग, द्विव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, कृषि विभाग, सहित अन्य सम्बन्धित विभागों द्वारा शहरी क्षेत्रो में फागिगं करवाना, खुले में शौच न करने, शुद्ध पेयजल के प्रयोग तथा मच्छरों की रोकथाम हेतु जागरुकता अभियान, खुली नालियों को ढकने की व्यवस्था, नालियों / कचरों की सफाई करवाना, उथले हैण्डपम्पों का प्रयोग रोकने के लिए लाल रंग से चिन्हित करना, खराब इण्डिया मार्क-2 हैण्डपम्पों की मरम्मत एवं पक्का चबूतरा बनवाना, सूकरपालकों को अन्य व्यवसाय जैसे पोल्ट्री उद्योग को अपनाने हेतु जागरुक करना, सूकर बाड़ों को मनुष्य आबादी से दूर स्थापित करना, सूकर बाढी की साफ-सफाई, कीटनाशक छिडकॉव एवं मच्छररोधी जाली से ढकने हेतु प्रशिक्षित किया जाना,

कुपोषित बच्चों का चिन्हीकरण एवं पोषाहार वितरण, दिमागी बुखार एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों तथा जल जनित रोगो से बचाव एवं रोकथाम तथा उपचार हेतु संवेदीकरण, ए०ई०एस० / जे०ई० रोग के उपरान्त द्विव्यांग हुए बच्चों का सर्वे कर जनपद पर स्थापित डिस्ट्रिक्ट डिसेबिलिटी रिहेबिलिटेशन सेन्टर का सुदृढीकरण किया जाना, जमे हुए पानी में मच्छरों के प्रजनन को रोकने, मच्छर रोधी पौधों का उगाया जाना एवं अन्य उपायों द्वारा रोगों के रोकने के प्रयास हेतु प्रभावी कार्यबाही किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। बैठक में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के अनुपस्थित रहने पर उनका वेतन बाधित किये जाने का निर्देश मुख्य विकास अधिकारी ने दिए।

मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया की तृतीय चरण के अभियान के अंतर्गत समस्त आशा कर्मी, आंगनवाडी एवं ए०एन०एम० घर-घर भ्रमण करके बुखार के रोगियों की सूची. आई०एल०आई० (इन्फलुएंजा लाइक इलनेस) रोगियों की सूची, क्षय रोग के लक्षण युक्त व्यक्तियों की सूची, कुष्ठ रोग तथा फाइलेरिया एवं कालाजार रोगों के लक्षणयुक्त व्यक्तियों की सूची, कुपोषित बच्चों की सूची मातृ समूह बैठक, पेयजल को साफ करने के लिए क्लोरीनेशन डेमो, स्वंय समूह सहायता की बैठक, वी०एच०एस०एन०सी० बैठक का आयोजन गोष्ठियों एवं अन्य कार्यक्रमों के द्वारा इस अभियान के अंतर्गत जागरूकता आम जनमानस में पैदा की जायेगी। सचल चल चित्र माध्यमों के द्वारा भी जनमानस के बीच में नियंत्रण हेतु प्रचार-प्रसार किया जायेगा।

इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुरेश पटारिया,डीपीआरओ आलोक प्रियदर्शी, अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, जिला प्रोवेशन अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी, बीएसए, सहित अन्य सभी सम्बन्धित अधिकारियों के साथ समस्त एमोवाईसी आदि उपस्थित रहे।