Home उत्तर प्रदेश सच्ची भक्ति को भय नहीं, मिलता है प्रभु का स्नेह : आचार्य विनय

सच्ची भक्ति को भय नहीं, मिलता है प्रभु का स्नेह : आचार्य विनय

सच्ची भक्ति को भय नहीं, मिलता है प्रभु का स्नेह : आचार्य विनय

राजापाकड (कुशीनगर) :: तमकुही विकास खंड के ग्राम पंचायत बरवाराजापाकड़ के सपही बरवा टोला में विगत छह वर्षों से आयोजित होने वाले राधा अष्टमी महोत्सव के निमित्त आयोजित रामकथा के छठवें दिन मंगलवार की रात कथावाचक आचार्य विनय पांडेय ने केवट प्रसंग सुनाते हुए कहा कि सच्ची भक्ति को भय नहीं लगता अपितु उसे प्रभु का स्नेह व कृपा मिलती है।

कथावाचक ने कहा कि रामचरित मानस ग्रंथ में सच्चे भक्तों के अनेक उदाहरण है। जिसमें एक उदाहरण केवट प्रसंग भी है जब राम जी विवाह करके घर आते हैं कुछ दिनों बाद नगरवासियों के प्रस्ताव पर राम का राज्याभिषेक करने की तैयारी होती है। समय विपरीत हुआ और राम को वनवास मिला । गंगा के तट पर भक्त केवट से मुलाकात होती है। केवट बिना पैर धोये नाव पर नहीं चढ़ाते हैं। निषादराज कहते हैं कि इसके लिए चाहें लक्ष्मण मुझ पर बाण ही क्यों न चला दें।इससे ये सिद्ध हो जाता है कि भक्ति को भय नहीं होता। यह पुरोहित वैदिक संजय चौबे व पं. दीपक मिश्र ने वाल्मीकि रामायण का पाठ किया। रजनीश राय, सत्येन्द्र उर्फ गुड्डू शुक्ल, नरेन्द्र राय, मनीष राय, अजय तिवारी, अवधेश पाठक, कृष्ण मुरारी तिवारी आदि ने व्यास पीठ का पूजन किया।

कथावाचक ने सुनील मिश्र, धीरज श्रीवास्तव, अशोक राय, रोहित यादव, रवीश मद्धेशिया, मृत्युंजय सिंह, कमलेश्वर पटेल, अजिताभ तिवारी, मृत्युंजय पांडेय, धनन्जय मिश्र आदि पत्रकारों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। इस दौरान पं. पंकज शास्त्री, नवल किशोर यादव, पं. अच्युतानंद पांडेय, नवीन पांडेय, प्रमोद मिश्र, राजपति कुशवाहा, रवींद्र शर्मा, विद्या, मुन्नालाल, नंदकिशोर गुप्ता, शारदा, अमला, शांति देवी, नन्नी, सोना, पुनीता, निशा, विनीता, भूमि, रोशनी, ज्योति आदि श्रद्धालु मौजूद रहे।