Home उत्तर प्रदेश सच्चे हृदय से हरि नाम के सुमिरन मात्र से कल्याण संभव है- अनुराधा तिवारी

सच्चे हृदय से हरि नाम के सुमिरन मात्र से कल्याण संभव है- अनुराधा तिवारी

सच्चे हृदय से हरि नाम के सुमिरन मात्र से कल्याण संभव है- अनुराधा तिवारी


सलेमपुर के सलाहाबाद में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन कथा वाचक सुश्री अनुराधा तिवारी ने बताया कि भागवत कथा विचार, वैराग्य, ज्ञान और हरि से मिलने का मार्ग बता देती है।कलयुग में मनुष्य को पुण्य तो सिद्ध होते हैं। परंतु मानस पाप नहीं होते। कलयुग में हरी नाम से ही जीव का कल्याण हो जाता है। कलयुग में ईश्वर का नाम ही काफी है सच्चे हृदय से हरि नाम के सुमिरन मात्र से कल्याण संभव है।

कथा को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि नंदलाल के पैदा होने की खुशी में नंद बाबा के यहां उत्सव शुरू हो गया। बधाई देने वालों का तांता लग गया। इधर कंस को जब पता चला कि देवकी के आठवां बच्चा पैदा हो गया है। उन्होंने बच्ची को मारने की जब कोशिश की। वह योगमाया का रूप लेकर आकाश में चली गई। वहां उन्होंने भविष्यवाणी की कि तेरे मारने वाला तो गोकुल में पैदा हो चुका है।
उसके बाद कंस भगवान कृष्ण को मौत के घाट उतारने के लिए अपनी राज्य की सर्वाधिक बलवान राक्षसी पूतना को भेजता है। पूतना वेश बदलकर भगवान श्रीकृष्ण को अपने स्तन से जहरीला दूध पिलाने का प्रयास करती है। लेकिन भगवान श्रीकृष्ण उसको मौत के घाट उतार देते हैं।

उसके बाद कथा वाचक अनुराधा तिवारी द्वारा कथा को आगे बढ़ाते हुए यशोदा मां के साथ बालपन की शरारतें, भगवान श्रीकृष्ण का गो प्रेम, कालिया नाग मान मर्दन, माखन चोरी गोपियों का प्रसंग सहित अन्य कई प्रसंगों का कथा के दौरान वर्णन किया गया।
उन्होंने कहा कि कंस का आमंत्रण मिलने के बाद भगवान श्री कृष्ण बड़े भाई बलराम जी के साथ मथुरा को प्रस्थान करते हैं। श्रीमद् भागवत कथा के दौरान कथा वाचक द्वारा बीच-बीच में सुनाए गए भजन पर श्रोता भाव विभोर हो गए। उक्त अवसर पर यजमान ललिता देवी,रामतपस्या,अखिलेश गोंड, अजय दूबे वत्स,मनीष मौर्य,अयोध्यालाल श्रीवास्तव, लवकुमार शुक्ला,बीके तिवारी आदि उपस्थित रहे।