पडरौना ब्लाक सभागार में विधानसभा स्तरीय गोष्ठी आयोजन

देश में लगे आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर भरतीय जनता पार्टी द्वारा शुक्रवार को पडरौना ब्लाक सभागार में विधानसभा स्तरीय गोष्ठी आयोजित किया गया जिसमें वक्ताओं ने कांग्रेस पर जमकर वार किया। और आपातकाल के समय जेल में यातनाएं झेलने वाले लोकतंत्र रक्षक सेनानीयों को अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया।
मुख्य अतिथि सदर विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि आपातकाल लगाकर देश के लोकतंत्र में कालिख पोतने वाली कांग्रेस पार्टी के मुंह से संविधान की रक्षा की बात अच्छी नहीं लगती। संविधान बदलने जैसे नारे लगाकर कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में जनता को गुमराह किया, जबकि हकीकत यह है कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने संविधान को ही कैद कर अपनी तानाशाही हुकूमत चलाने के लिए संविधान की धज्जियां उड़ाते हुए आपातकाल लागू कर दिया था। लोकतंत्र एवं संविधान खतरे में है ऐसी बातें करनेवालों को आपातकाल का वह काला दौर याद करना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि भारतीय जनता पार्टी जिलाध्यक्ष दुर्गेश राय ने कहा कि 25 जून 1975 को लोकतांत्रिक भारत में पहली बार इमरजेंसी का घृणित अध्याय जोड़ा गया। इस दौरान न सिर्फ राजनैतिक दलों, समाजिक संगठनों और वैचारिक समूहों को अपना शिकार बनाया, बल्कि भारतीय लोकतंत्र के आधारस्तंभ मानी जाने वाली मीडिया को भी सरकार ने नहीं बख्शा।
लोकतंत्र रक्षक सेनानी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व जिला संघचालक उमाशंकर सोनी ने कहा कि आपातकाल का दौर भारतीय इतिहास का निर्मम और निरंकुश काल रहा और इस दौरान स्वतंत्र भारत में क्रूरतम यातनाएं दिखीं। वह दौर हमें याद दिलाता है कि एक तानाशाह बेहद डरपोक होता है जो हल्की सी आलोचना से भी सिहर जाता है। उसे हर तरफ षड्यंत्र दिखता है, हर कोई दुश्मन नजर आता है। ऐसे में वो पूरी दुनिया में सिर्फ अपनी आवाज सुनाना चाहता है, सिर्फ अपनी तस्वीर दिखाना चाहता है।
गोष्ठी को हरिशंकर राय, बंका सिंह, इंजिनियर मनोज सिंह, विवेकानंद शुक्ल, एडवोकेट किशोर यादव ने भी सम्बोधित किया। संचालन जिला महामंत्री सुदर्शन पाल ने किया। इस अवसर पर डॉ पीएन राय, विश्वरंजन कुमार आनन्द, नमो नारायण मौर्य, रमेश मिश्र,भुवनेश्वर त्रिपाठी, रामजीत चौहान, राधेश्याम गुप्ता, महेश रौनियार, बिपिन बिहारी मिश्र, विकास दीक्षित, विजय कुमार सोनी सहित दर्जनों लोकतंत्र रक्षक सेनानी और कार्यकर्ता उपस्थित थे।