टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में करे सहयोग ताकि जनपद हो टीबी मुक्त-डीएम

67 टी.बी. रोगियों को न्यूट्रिशन युक्त पोषण पोटली वितरित कर लिया गया गोद, की गई उन्नत स्वास्थ्य व उज्ज्वल भविष्य की कामना
गोद लिए गए टीबी रोगियों का रखे निरंतर ख्याल
चिकित्सा संवर्ग, प्रधान संवर्ग, कोटेदार संवर्ग के साथ साथ अधिकारीगण भी इसमें बढ़ चढ़ कर निभाए अपनी भूमिका:-डीएम
टीबी के लक्षण वाले व्यक्तियों को सरकारी अस्पताल अवश्य भेजे- सीएमओ
राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत तथा प्रधानमंत्री टी बी मुक्त भारत अभियान के तहत आज जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज, मुख्य विकास अधिकारी गुंजन द्विवेदी, अपर जिलाधिकारी (वि/रा) वैभव मिश्रा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी सुरेश पटारिया समेत अन्य जनपद स्तरीय अधिकारी गण, जनपद के सरकारी एवं निजी चिकित्सालयों के चिकित्सक गण आई.एम.ए. के प्रेसिडेंट एवं सेक्रेटरी तथा कोटेदार संवर्ग, प्रधान संघ के प्रतिनिधियों ने 67 टी.बी. रोगियों को कलेक्ट्रेट सभागार में न्यूट्रिशन युक्त पोषण पोटली वितरित कर उन्हें गोद लिया गया। उन्हें निक्षय मित्र योजना के अंतर्गत पोषण पोटली प्रदान करते हुए न्यूट्रिशन से भरपूर सामग्रियां प्रदान की गई।
जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज द्वारा न्यूट्रिशन युक्त पोषण पोटली प्रदान करते हुए समस्त टी बी रोगियों के उज्जवल भविष्य की कामना भी किया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि पोलियो की भांति टी.बी. को भी विस्तृत अभियान चलाकर प्रदेश सहित भारत को टी बी मुक्त बनाना है। यह तभी संभव होगा जब समाज के प्रत्येक वर्ग इस अभियान में जुड़कर अपना सहयोग प्रदान करेंगे। खासकर चिकित्सा संवर्ग, प्रधान संवर्ग, कोटेदार संवर्ग के साथ साथ अधिकारीगण भी इसमें बढ़ चढ़ कर अपनी भूमिका निभा सकते है। ग्राम प्रधान अपने क्षेत्र के व्यक्ति जिनमें टीबी के लक्षण दिखे उनकी जाँच एवं उपचार अपने नजदीकी सरकारी अस्पतालों में कराते रहे और प्रयास करे कि आप का ग्राम पंचायत टीबी मुक्त रहे। चिकित्सक खासकर ओ.पी.डी. के समय रोगियों के इलाज के दौरान टी बी लक्षण वाले मरीजों का चिन्हांकन करें और आवश्यतानुसार दवाएं उपलब्ध कराए, उनका सहयोग करें। उन्होंने ने कहा कि एक समय था जब टीबी एक गंभीर बीमारी हुआ करती थी लेकिन आज इसका इलाज संभव है।
उन्होंने कहा कि टीबी के जीवाणु लगभग सबके शरीर में विद्यमान होते है। जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम होती है उन पर यह ज्यादा और त्वरित गति से प्रभाव दिखाते है। अतः अपने दैनिक खानपान का विशेष ध्यान रखे। पौष्टिक आहार भोज्य पदार्थों के रूप में ग्रहण करें। टीबी रोगियों को भारत सरकार द्वारा 6 महीने के उपचार के दौरान धनराशि सहित पौष्टिक आहार स्वस्थ्य बनाने हेतु दिया जा रहा है।उन्होंने ग्राम प्रधानों, कोटेदारों, चिकित्सकों एवं जनप्रतिनिधियों से अपील किया कि जनपद में चलाये जा रहे टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में सहयोग दे ताकि जनपद सहित प्रदेश एवं देश को टीबी मुक्त बनाया जा सके।
सीएमओ डॉ सुरेश पटारिया ने कहा कि जनपद में चल रहे टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में कार्यरत सभी कर्मियों का सहयोग सराहनीय है। हवा के माध्यम से भी इस रोग का प्रसार होता है इसलिए मास्क का प्रयोग अवश्य करें। हम सब को आपस में मिलकर भारत को टीबी मुक्त बनाना है, इसके लिए आप सभी से अपेक्षित सहयोग की आवश्यकता है। कहा कि कोई भी टीबी के लक्षणों वाला व्यक्ति आपके आस पास देखे तो उसे तत्काल सरकारी अस्पताल तक पहुँचाने में सहयोग करे, उसका समुचित इलाज कराया जायेगा। उन्होंने अनुरोध किया कि आज इस अभियान के अंतर्गत जो भी अधिकारी, चिकित्सक टीबी रोगियों को गोद ले रहे हैं वह निरंतर उनका ख्याल रखें, दवाओं के साथ-साथ पौष्टिक आहार भी प्रदान करें, साथ ही उनका हाल-चाल भी समय-समय पर पूछते रहे।
जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ एस एन त्रिपाठी ने कहा कि टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में सब के सहयोग से इस अभियान को सफल बना सकते है। इस बीमारी को लेकर ग्रामीण इलाकों में काफी भ्रांतियां है। जिन्हें हम जनजागरूकता के माध्यम से दूर करना है। जिला कार्यक्रम समन्वयक टीबी मुक्त अभियान की रूपरेखा को विस्तारपूर्वक बताया।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी सुरेश पटारिया, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एस एन त्रिपाठी, आईएमए के प्रेसिडेंट जी पी राय, सेक्रेटरी वाई के मद्धेशिया, चिकिसकगण दिव्या शुक्ला, अजय शुक्ला, देवेंद्र मिश्रा सूरज मद्धेशिया के साथ-साथ चिकित्सा विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।