भगवान राम जैसा आदर्श चरित्र दुनिया में कहीं नहीं मिल सकता: पंडित वीरेंद्र तिवारी

कुशीनगर ,फाजिलनगर। मान-सम्मान उन्हीं का होता है, जो त्याग करते हैं। हनुमान इसके प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन अपने प्रभु श्रीराम को समर्पित कर दिया। भगवान राम जैसा आदर्श चरित्र दुनिया में कहीं नहीं मिल सकता। उसी तरह हनुमानजी जैसा भक्त भी विश्व में कहीं नहीं मिलेगा।
ऊक्त बातें क्षेत्र के जौरा बाजार स्थित श्री राम जानकी मंदिर पर श्री विष्णु महायज्ञ के दौरान हनुमत कथा का रसपान कराते हुए भोजपुरी में राम कथा के मर्मज्ञ पंडित वीरेंद्र तिवारी व्यास ने संगीतमयी कथा करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि रामचरित मानस में हनुमानजी का प्रवेश होते ही प्रत्येक प्रसंग प्रेम, वात्सल्य, करुणा और स्नेह की रसधारा से भरपूर नजर आता है। हनुमानजी ही इसके वास्तविक सूत्रधार है। कलियुग में राम नाम के साथ हनुमान की भक्ति को सर्वोपरि माना गया है।
इससे पूर्व व्यास पीठ का पूजन करके गोरखपुर विश्वविद्यालय के कार्य परिषद के सदस्य एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर विजय प्रताप उपाध्याय, भाजपा के जिला उपाध्यक्ष दिवाकर मणि त्रिपाठी, खादी ग्रामोद्योग सेवा संस्थान सपहां के मंत्री पंकज पांडेय व समाजसेवी अनिल जायसवाल ने कथा का शुभारंभ कराया।
इस दौरान अतिथियों को अंग्वस्त्र भेंट कर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि एवं मुख्य यजमान शंभू बरनवाल राकेश तिवारी,राघवेंद्र उपाध्याय, नागेंद्र चौरसिया अरविंद मिश्रा आदि ने सम्मानित किया। इस दौरान मंदिर के मुख्य पुजारी बाबा बलराम दास, नथुनी उपाध्याय, रामएकबाल दूबे, नंदलाल विद्रोही,रमाकांत राव,सीताराम मिश्र,योगेंद्र गौड़, सुरेश चौरसिया,सुबाष चौरसिया,आशुतोष चौबे,मदन यादव, उपेंद्र यादव, कृष्णा साहनी, राधेश्याम यादव आदि मौजूद रहे।