डीएम की अध्यक्षता में (बर्ड फ्लू) बीमारी की सतत अनुश्रवण एवं नियमित निगरानी की हुई बैठक

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ रविंद्र प्रसाद ने अवगत कराया है कि शहीद असलया प्राणी उद्यान जनपद गोरखपुर के टाइगर में H-5 एवियन इन्फ्लूएंजा के पॉजीटिव होने की पुष्टि हुई है, जिसके दृष्टिगत जनपद में एवियन इन्फ्लुएन्जा (बर्ड फ्लू) बीमारी की सतत अनुश्रवण एवं नियमित निगरानी हेतु जनपद स्तर पर सहित टास्क फोर्स की बैठक जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न हुई। उक्त बीमारी के रोकथाम हेतु जनपद स्तर पर की गई कार्यवाहियों के अंतर्गत सधन अनुश्रवण हेतु पर डॉ ० विद्याराम वर्मा, उप मुख्य पशुचिकित्साधिकारी को जनपदीय नोडल अधिकारी नामित किया गया है. जिनका मो०ननं0 9450556594 है। जनपद को भी व्यक्ति उक्त बीमारी के शंका होने पर संबंधित अधिकारी को सूचित कर सकते हैं।
एवियन इन्फ्लूएन्जा (बर्ड फ्लू) बीमारी के सघन अनुश्रवण एवं नियमित निगरानी हेतु तहसील स्तर पर पशुपालन विभाग द्वारा 06 आर०आर०टी० टीम का गठन किया गया है,जिससे जनपद में कही भी अगर बीमारी की आउटब्रेक की सूचना प्राप्त होती है तो संबंधित टीम द्वारा उचित कार्यवाही की जायेगी। इसी क्रम में जनपद की कुल 30 सीरम सैम्पल जनपद से मेजा जा चुका है। उक्त सैम्पल से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर उक्त बीमारी की पुष्टि नही है।
उक्त बीमारी के रोकथाम हेतु जनपद स्तर पर समस्त संसाधन जैसे पी०पी०ई० कीट, स्प्रे मशीन, फेस मारक आदि उपलब्ध है।उक्त बीमारी के सघन अनुश्रवण एवं नियमित निगरानी के दृष्टिगत बैठक में उपस्थित समस्त अधिकारियो को जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत आने वाले समस्त पोल्ट्री फार्मों की स्थलीय सत्यापन एवं जांच करते हुए प्रतिदिन पक्षियों का नेजल, क्लोएकल एवं सीरम सैम्पल एकत्र कर मण्डलीय प्रयोगशाला, गोरखपुर भेजना सुनिश्चित करे। उक्त सैम्पलिंग का कार्य विगत 07 दिवस के अन्दर शतप्रतिशत पूर्ण करने हेतु निर्देश दिये गये।
एवियन इन्फ्लुएन्जा (बर्ड फ्लू) के बारे में विशिष्ट तथ्य
यह एक वायरस से फैलने वाली बीमारी है। यह वायरस आर्थोमिक्सोविरिडी परिवार का सदस्य है। इस वायरस की न्यूक्तिओ प्रोटीन और मैट्रिक्स में एन्टीजेनिक असमानताओं के कारण इन्हें A. B. C. टाइप में बाँटा गया है जो विभिन्न प्रजातियों को प्रभावित करते हैं। मुख्यता पक्षियों में इन्फ्लूएन्जा रोग उत्पन्न करता है इस वायरस की बाहरी दीवार पर दो प्रकार की ग्लाइको प्रोटीन (हीमएग़लेटिनिन HA तथा न्यूरामिनिडेज NA होते है।
LPAI- बहुत कम मृत्यु उत्पन्न करता है सामान्यतया यह वायरस प्रवासी पक्षियों (Migratory Birds) खासकर पानी में रहने वाली बत्तखों के शरीर में बिना कोई लक्षण उत्पन्न किये रहता है और इन पक्षियों के द्वारा दुनियां की विभिन्न जगहों पर ले जाया जाता है।
HPAI- बर्ड फ्लू जो पक्षियों की एक बहुत खतरनाक बीमारी है और 48 घण्टों के भीतर 100 प्रतिशत तक पक्षियों की मृत्यु का कारण बन सकती है। यह इन्फ्लूएन्जा के सब-टाइम H5 और H7 के द्वारा होती है। यह रोग विश्व रोग नियंत्रण संस्था के द्वारा नोटीफायविल रोग की श्रेणी में आता है। यह पक्षियों में बहुत अधिक मृत्यु के साथ सांसर पेट और तंत्रिका तंत्र के लक्षण उत्पन्न कर सकता है।